17/05/2024

डिप्रेशन या अवसाद से बाहर निकलने के 10 आसान तरीके (10 simple ways to get rid of depression)

आप यहाँ तक आ गए हैं मतलब आप स्वयं को या किसी अपने को डिप्रेशन से बाहर निकालने का पहला कदम उठा चुके हैं। हम आपके इस निर्णय का स्वागत और यथासंभव आपका साथ देने का प्रयास करते हैं।  किसी चीज से बाहर निकलने के लिए सबसे पहले उस चीज को अच्छे से जान समझ लेना चाहिए । इससे डिप्रेशन की परेशानी से बाहर निकलने के उपाय आसान और प्रभावी हो जाते हैं । यहाँ डिप्रेशन से बाहर निकलने के जो 10 तरीके (10 simple ways to get rid of depression) आपको बतायें जाएंगे वो डिप्रेशन या अवसाद से बाहर आने में आपकी मदद करेंगें ।

अवसाद या डिप्रेशन क्या है?

अवसाद की शुरुआत उम्मीद के टूटने से होती है । पहले आप स्वयं से या दूसरों से कोई उम्मीद करते हैं। ये उम्मीद व्यक्तिगत , सामाजिक , शारीरिक , आर्थिक या मानसिक हो सकती है। जब परिणाम आपके उम्मीद से विपरीत आता है तो आपको दुख होता है। सामान्यतः पहले आप चिड़चिड़े या गुस्सा होते हैं पर फिर शांत होकर उस कार्य को करने का प्रयास करते हैं । लेकिन जब कई बार परिणाम उम्मीद से विपरीत ही निकलता है तो आप स्वयं पर संदेह करने लगते हैं। आपको लगता है कि आप कुछ नहीं कर सकते । जीवन भर निराशा और असफलता के साथ ही जीना होगा। ये निराशा की भावना जब लगातार आपके अंदर रहने लगती है और दिन प्रतिदिन ज्यादा गहरी होने लगती है तो आप अवसाद की गिरफ्त में आने लगते हैं। किसी अपने मृत्यु होने या प्रेम संबंधों में असफलता भी मनुष्य को तात्कालिक अवसाद की तरफ ले जाती है ।

अवसाद की तीन अवस्थाएं होती हैं।

प्रथम चरण का अवसाद

इस स्थिति में आपके अंदर निराशा की भावना कुछ दिनों के लिए ही होती है। फिर आप सकारात्मक सोच के साथ इस हालत से बाहर निकलने लगते हैं। महीने दो महीनों में आपकी स्थिति सामान्य हो जाती हैं। आप निराशा से बाहर आकर फिर से सफल होने का प्रयास शुरू कर देते हैं। सामान्यतः सभी मनुष्य कभी ना कभी इस हालत का सामना करते ही हैं।

दूसरे चरण का अवसाद

निराशा की स्थिति अगर एक महीने से ज्यादा रहे और मन में नकारात्मक विचार अक्सर आने लगे तो ये दूसरे चरण का अवसाद है। इस हालत में आप अपने मित्र, परिवार, सगे संबंधी में से जिसपर भी भरोसा करते हैं और आपको लगता है कि वो आपको सही सलाह देंगे तो उनसे आपको खुलकर अपने मन में आ रहे विचार के बारे में चर्चा करनी चाहिए। अगर वो समझदार होंगे तो उनकी बातें आपको हिम्मत देंगी और आप निराशा से निकल जाएंगें ।

तृतीय या गंभीर चरण का अवसाद

अगर आपको दो महीने से ज्यादा निराशा की अवस्था बनी रहती है। जीवन निरर्थक लगने लगता है। कभी कभी या लगातार मन में आत्महत्या जैसे विचार आने लगते हैं तो आपको बिना देर किए किसी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आज मेडिकल विज्ञान ने इतनी तरक्की कर कर ली है कि बहुत आसानी और असरदार तरीके से सही डॉक्टर और दवाओं की मदद से आप जल्दी ही इस हालत से बाहर आ सकते हैं। इस तृतीय चरण के अवसाद को कभी भी हल्के में नहीं लें । डॉक्टर से अवश्य मिले । सिर्फ इंटरनेट पर खोज बीन करके स्वयं इसकी चिकित्सा नहीं करें। एक अच्छे डॉक्टर को खोजे और सही चिकित्सा करवाएं।

डिप्रेशन या अवसाद से बाहर निकलने के 10 आसान तरीके (10 simple ways to get rid of depression)

  1. अपने लिए एकदम आसान लक्ष्य तय करें

आप अपने अतीत में जाएं और याद करें की ऐसी कौन से चीजें थी जो आपको खुशियाँ देती थी । जैसे बागवानी, टहलना , सुखद संगीत सुनना, हास्य सिनेमा देखना, खाना बनाने में रुचि, फोटोग्राफी में रुचि, किसी को पढ़ाने या किसी की मदद करने से मिलने वाली खुशी । फिर इन चीजों से मिलने वाली खुशी के पल को याद करें । अगर किसी जगह लिख लें और बाद में उसे पढ़े तो और भी बेहतर होगा। उसके बाद समय के गर्त में गुम हुए अपने शौक को तलाशें और उसको पूरा करने में लग जायें । पर ध्यान रखें कि  कोई भी कठिन लक्ष्य नहीं रखें जिसे पूरा करने के लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा की जरूरत हो । एक बार तय करने के बाद बिना परिणाम की चिंता किए अपने आप को उस कार्य में लगा दें ।

2. किसी छोटे बच्चे के साथ कुछ समय बिताएं

बच्चे के अंदर इतनी सकारात्मक ऊर्जा होती है कि वो तुरंत ही अपने साथ बैठे व्यक्ति को ऊर्जावान कर देते हैं। आप उनके साथ खेलें और अपने आप को याद दिलाएं कि कभी आप भी बच्चे जैसे ही ऊर्जा का भंडार थे पर अनावश्यक नकारात्मक सोच ने आपकी एनर्जी कम करके आपको नकारात्मक सोच की तरफ बढ़ा दिया। बच्चे की तरह भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान का आनंद उठायें।

3. योग और प्राणायाम करें।

स्वयं से या किसी योगा टीचर के देख रेख में योगा और प्राणायाम का निरंतर अभ्यास करें। योग और प्राणायाम सिर्फ अवसाद से ही नहीं बल्कि और भी कई तरह से आपके स्वास्थ्य को बेहतर रखने में आपकी मदद करेंगें। बेहतर स्वास्थ्य आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा ।

4. किसी सामूहिक क्रिया या खेल में भाग लें।

किसी सामूहिक खेल जैसे क्रिकेट , फुटबॉल में भाग लें । किसी थियटर ग्रुप में शामिल होकर किसी नाटक में स्टेज पर या स्टेज के पीछे काम करें। किसी N.G.O ग्रुप से जुड़कर उनके लिए वालंटियर (स्वयं सहायता ) करें । लोगों के साथ मिलकर काम करने से आपके अंदर टीम भावना बढ़ती है और आप स्वयं को अच्छा और उपयोगी समझने लगते हैं।

5. अपने तय किए कार्य को पूरा करने पर स्वयं को इनाम या शाबाशी दें।

कोई भी एकदम सामान्य सा भी दिखने वाला काम जैसे घर के लिए सब्जी लाना , घर के किसी सदस्य की थके दिखने पर उनके सिर या पैर की मालिश कर देना। किसी बच्चे को होम वर्क कर देना । किसी बुजुर्ग से उनके अनुभव सुनना और अपने अनुभव साझा करना । इस तरह के एकदम सामान्य कार्य तय कीजिए और उसे पूरा करने पर अपने पसंद के खाने की  कोई भी चीज जैसे चॉकलेट या इसी तरह का कोई छोटा इनाम स्वयं को दें।

6. हास्य सिनेमा या कॉमेडी शोज देंखें

आप कुछ दिन रूटीन बनाकर किसी हास्य शो या सिनेमा देंखें। अगर आपके पास कोई लाइव कॉमेडी शो हो रहा हो तो वहाँ जाएं। जमकर शो का आनंद उठायें। अगर कोई व्यक्ति रुचिकर लगे तो शालीनता के साथ उनसे दोस्ती का हाथ बढ़ायें और फिर ऐसे किसी शो में एक साथ जाने का प्लान बनाएं। नए मित्र मिलेंगे तो साथ में नई सोच और ऊर्जा भी आएगी।

7. चुटकुले पढ़े, याद करें और मित्रों को सुनायें

आप ऑनलाइन चुटकुले पढ़े । जहां से भी संभव हो चुटकुले या जोक्स की किताब खरीदें। चुटकुले पढ़े और जो आपको पसंद आए उसे अपने दोस्तों , परिवार के सदस्यों को सुनाएं। उनकी हंसी के साथ साथ स्वयं भी हँसे ।

8. लोगों के संघर्ष के इंटरव्यू सुनें , देखें या आत्मकथा पढ़ें

आप यू ट्यूब या दूसरे किसी भी माध्यम पर जाकर सफल लोगों के इंटरव्यू देखें । उनके संघर्ष के बारे में जाने, समझे। आप जिस किसी क्षेत्र में रुचि रखते हों, उस क्षेत्र के शीर्ष पर पहुँचे लोगों के बारे में जानकारियाँ निकालें। अगर उनकी कोई आत्मकथा हो तो उसे पढ़ें। आपको पता चलेगा कि हर सफल व्यक्ति की सफलता के पीछे बहुत सारी असफलताएं छुपी हैं। कई बार इन असफलताओं का अनुभव ही उनके लिए सफलता की सीढ़ी बनी ।

9. पंच तत्वों, खुली हवा, आकाश, मिट्टी, आग, पानी को महसूस करें ।

समय और मौसम के अनुसार , जो भी उचित हो जैसे गर्मी के मौसम में पानी और हवा के साथ, बारिश में पानी और मिट्टी के साथ, ठंड में आग के साथ, सामान्य मौसम में आकाश के साथ अपना संबंधों को सही करें। अगर संभव हो तो प्रतिदिन इन में से आग को छोड़कर किसी एक को छूए। अगर जाड़े का मौसम हो तो अलाव ताप सकतें हैं। एक बच्चा प्राकृतिक रूप से इन चीजों की तरफ आकर्षित रहता है और उनसे अपना संपर्क बनाएं रखता है। ये प्राकृतिक चीजें आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगीं ।

10. कुछ दिनों के लिए अपने रहने की जगह बदल लें ।

 किसी सगे संबंधी या मित्र के पास कुछ दिन के लिए रहने चले जाएं। जगह और माहौल बदलने से भी सोच पर बहुत असर पड़ता है। जब जीवन में कुछ नया आता है तो वो बहुत रुचिकर लगता है । ये रुचि आपने सोचने की दिशा को तारों ताज़ा कर देगी। आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार हो जाएगा।

निष्कर्ष

उम्मीद है की ऊपर डिप्रेशन या अवसाद से बाहर निकलने के 10 आसान तरीके (10 simple ways to get rid of depression) से ही आपकी समस्या दूर हो जाएगी पर ऐसा नहीं होता है तो तुरंत किसी कुशल चिकित्सक की सहायता लें । अगर आप या आपके प्रियजन प्रयास करने के बाद भी अवसाद या डिप्रेशन से बाहर नहीं निकाल पा रहे हों तो डॉक्टर की सलाह और चिकित्सा बेहद जरूरी है । अगर आपको बार बार ऐसा लग रहा है कि जीवन बेकार हो गया है या जीवन समाप्त कर लूँ तो फिर बिना एक पल की देरी किए डॉक्टर से मिलें । मानसिक परेशानी को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जिस तरह शारीरिक परेशानी होने पर आप डॉक्टर के पास जाते हैं ठीक उसी तरह मानसिक परेशानी में भी डॉक्टर से मिलिये ।

आग्रह

अगर आपको कभी भी स्वयं में, अपने किसी दोस्त में, परिवारजन में अवसाद की लक्षण दिखें तो कभी उनका उपहास या मज़ाक ना उड़ाये । जानकारी के अभाव में अक्सर लोग अवसाद को मन का भ्रम समझ लेते हैं जो बिल्कुल ही गलत है। बाकी शारीरिक परेशानियों कि तरह ये भी एक चिकित्सीय सहायता की जरूरत वाली अवस्था है। इंटरनेट पर पढ़ कर स्वयं चिकित्सा ना करें तो बेहतर होगा।  

नोट

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